क्या करे क्या ना
करे ?
दोस्तों आज कल लोगो के मन में कई सवाल उठते होने
की क्या करे क्या ना करे- सबसे पहले तो में आपको बताना चाहूँगा की दोस्तों ये
दुनिया बहुत बड़ी हैं | जहाँ आपकी सोच ख़तम होती हैं, वही फिर से नयी दुनिया शुरू हो
जाती हैं | मंजिल की चाह में मैं भी बहुत दूर तक गया था लेकिन आखिरकार लौट के आना
ही पड़ा क्यों मैं भी आप लोगो की तरह इस दुनिया को बहुत ही छोटा समझता था, लेकिन ये
तो मेरी सोंच हम सबकी सोंच से कही बड़ी हैं | हर इंसान अपने तर्रकी और निजी फायदों
के लिए कड़े से कड़े कदम उठाते हैं | लेकिन वो ये भूल जाते हैं, की उसके इस फैसले के
चलते कई मासूमो के सपने सपने ही रह जाते हैं | अगर आप अपने ज़िन्दगी में कुछ करना
चाहते हैं तो अपने कड़े फैसलों पर जरा सोंच बिचारकर फैसले को आगे बढ़ाये | उफ़ आजकल
इन लोगो को क्या हो गया हैं, वो अपने आप से बाते करते रहते हैं | कुछ सालो पहले
यही लोग अपने ज़माने में अपने आप से बाते करने वाले लोगो को ये पागल-पागल कहकर
पुकारा करते थे, लेकीन ये क्या आज वो खुद ही अपने आप से बाते करते हैं, ...मैं
ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं हूँ पर जो भी बाते कहता हूँ बड़ी सोच कर कहता हूँ | क्यों की
क्या पता किसके मन में क्या चल रहा हैं | क्या पता वो किसी बात से गुस्सा हैं, और
मैं कोई ऐसी बाते बोल दू की उसका सारा गुस्सा मेरे ऊपर ही टूट पड़े तो भैया में तो
सोच समझ कर ही बोलता हु कुछ भी |
ओहो !
आजकल इन पेरेंट्स को क्या हो गया हैं आज कल वो
अपने बच्चो पे ध्यान ही नहीं देते हैं आखिर क्या बात हैं की वो अपने बच्चो की भी
नहीं सुन रहे हैं | सायद वो ज्यादा व्यस्त हैं | कोई बात नहीं जब कोई माता-पीता
अपने बच्चो से उनकी बाते शेयर ना करना उनकी बाते न मानना हर वक़्त उनकी ही गलती
निकालना ये बच्चो को अन्दर से ही कमजोर कर रहा हैं |
अगर ये पोस्ट पसंद आई हो तो जरुर कमेंट और शेयर करे - ''धन्यवाद''
कैसे डालें सुबह जल्दी उठने की आदत
कैसे डालें सुबह जल्दी उठने की आदत?
It is well to be up before daybreak, for such habits contribute to health, wealth, and wisdom.
-Aristotle
-Aristotle
सूर्योदय होने से पहले उठाना अच्छा होता है , ऐसी आदत आपको स्वस्थ , समृद्ध और बुद्धिमान बनती है .
-अरस्तु
सुबह उठने वाले लोग पैदाईशी ऐसे होते हैं या ऐसा बना जा सकता है ? मेरे case में तो निश्चित रूप से मैं ऐसा बना हूँ . जब मैं बीस एक साल का था तब शायद ही कभी midnight से पहले बिस्तर पे जाता था . और मैं लगभग हमेशा ही देर से सोता था. और अक्सर मेरी गतिविधियाँ दोपहर से शुरू होती थीं .
पर कुछ समय बाद मैं सुबह उठने और successful होने के बीच के गहरे सम्बन्ध को ignore नहीं कर पाया , अपनी life में भी . उन गिने – चुने अवसरों पर जब भी मैं जल्दी उठा हूँ तो मैंने पाया है कि मेरी productivity लगभग हमेशा ही ज्यादा रही है , सिर्फ सुबह के वक़्त ही नहीं बल्कि पूरे दिन . और मुझे खुद अच्छा होने का एहसास भी हुआ है . तो एक proactive goal-achiever होने के नाते मैंने सुबह उठने की आदत डालने का फैसला किया . मैंने अपनी alarm clock 5 am पर सेट कर दी …
— और अगली सुबह मैं दोपहर से just पहले उठा .
ह्म्म्म…………
मैंने फिर कई बार कोशिश की , पर कुछ फायदा नहीं हुआ .मुझे लगा कि शायद मैं सुबह उठने वाली gene के बिना ही पैदा हुआ हूँ . जब भी मेरा alarm बजता तो मेरे मन में पहला ख्याल यह आता कि मैं उस शोर को बंद करूँ और सोने चला जून . कई सालों तक मैं ऐसा ही करता रहा , पर एक दिन मेरे हाथ एक sleep research लगी जिससे मैंने जाना कि मैं इस problem को गलत तरीके से solve कर रहा था . और जब मैंने ये ideas apply कीं तो मैं निरंतर सुबह उठने में कामयाब होने लगा .
गलत strategy के साथ सुबह उठने की आदत डालना मुश्किल है पर सही strategy के साथ ऐसा करना अपेक्षाकृत आसान है .
सबसे common गलत strategy है कि आप यह सोचते हैं कि यदि सुबह जल्दी उठाना है तो बिस्तर पर जल्दी जाना सही रहेगा . तो आप देखते हैं कि आप कितने घंटे की नीद लेते हैं , और फिर सभी चीजों को कुछ गहनते पहले खिसका देते हैं . यदि आप अभी midnight से सुबह 8 बजे तक सोते हैं तो अब आप decide करते हैं कि 10pm पर सोने जायेंगे और 6am पर उठेंगे . सुनने में तर्कसंगत लगता है पर ज्यदातर ये तरीका काम नहीं करता .
ऐसा लगता है कि sleep patterns को ले के दो विचारधाराएं हैं . एक है कि आप हर रोज़ एक ही वक़्त पर सोइए और उठिए . ये ऐसा है जैसे कि दोनों तरफ alarm clock लगी हो —आप हर रात उतने ही घंटे सोने का प्रयास करते हैं . आधुनिक समाज में जीने के लिए यह व्यवहारिक लगता है . हमें अपनी योजना का सही अनुमान होना चाहिए . और हमें पर्याप्त आराम भी चाहिए .
दूसरी विचारधारा कहती है कि आप अपने शरीर की ज़रुरत को सुनिए और जब आप थक जायें तो सोने चले जाइये और तब उठिए जब naturally आपकी नीद टूटे . इस approach की जड़ biology में है . हमारे शरीर को पता होना चाहिए कि हमें कितना rest चाहिए , इसलिए हमें उसे सुनना चाहिए .
Trial and error से मुझे पता चला कि दोनों ही तरीके पूरी तरह से उचित sleep patterns नहीं देते . अगर आप productivity की चिंता करते हैं तो दोनों ही तरीके गलत हैं . ये हैं उसके कारण :
यदि आप निश्चित समय पे सोते हैं तो कभी -कभी आप तब सोने चले जायेंगे जब आपको बहुत नीद ना आ रही हो . यदि आपको सोने में 5 मिनट से ज्यादा लग रहे हों तो इसका मतलब है कि आपको अभी ठीक से नीद नहीं आ रही है . आप बिस्तर पर लेटे -लेटे अपना समय बर्वाद कर रहे हैं ; सो नहीं रहे हैं . एक और problem ये है कि आप सोचते हैं कि आपको हर रोज़ उठने ही घंटे की नीद चाहिए , जो कि गलत है . आपको हर दिन एक बराबर नीद की ज़रुरत नहीं होती .
यदि आप उतना सोते हैं जितना की आपकी body आपसे कहती है तो शायद आपको जितना सोना चाहिए उससे ज्यादा सोएंगे —कई cases में कहीं ज्यादा , हर हफ्ते 10-15 घंटे ज्यदा ( एक पूरे waking-day के बराबर ) ज्यादातर लोग जो ऐसे सोते हैं वो हर दिन 8+ hrs सोते हैं , जो आमतौर पर बहुत ज्यादा है . और यदि आप रोज़ अलग -अलग समय पर उठ रहे हैं तो आप सुबह की planning सही से नहीं कर पाएंगे . और चूँकि कभी -कभार हमारी natural rhythm घडी से मैच नहीं करती तो आप पायंगे कि आपका सोने का समय आगे बढ़ता जा रहा है .
मेरे लिए दोनों approaches को combine करना कारगर साबित हुआ . ये बहुत आसान है , और बहुत से लोग जो सुबह जल्दी उठते हैं , वो बिना जाने ही ऐसा करते हैं , पर मेरे लिए तो यह एक mental-breakthrough था .Solution ये था की बिस्तर पर तब जाओ जब नीद आ रही हो ( तभी जब नीद आ रही हो ) और एक निश्चित समय पर उठो ( हफ्ते के सातों दिन ). इसलिए मैं हर रोज़ एक ही समय पर उठता हूँ ( in my case 5 am) पर मैं हर रोज़ अलग -अलग समय पर सोने जाता हूँ .
मैं बिस्तर पर तब जाता हूँ जब मुझे बहुत तेज नीद आ रही हो . मेरा sleepiness test ये है कि यदि मैं कोई किताब बिना ऊँघे एक -दो पन्ने नहीं पढ़ पाता हूँ तो इसका मतलब है कि मै बिस्तर पर जाने के लिए तैयार हूँ .ज्यादातर मैं बिस्तर पे जाने के 3 मिनट के अन्दर सो जाता हूँ . मैं आराम से लेटता हूँ और मुझे तुरंत ही नीद आ जाति है . कभी कभार मैं 9:30 पे सोने चला जाता हूँ और कई बार midnight तक जगा रहता हूँ . अधिकतर मैं 10 – 11 pm के बीच सोने चला जाता हूँ .अगर मुझे नीद नहीं आ रही होती तो मैं तब तक जगा रहता हूँ जब तक मेरी आँखें बंद ना होने लगे . इस वक़्त पढना एक बहुत ही अच्छी activity है , क्योंकि यह जानना आसान होता है कि अभी और पढना चाहिए या अब सो जाना चाहिए .
जब हर दिन मेरा alarm बजता है तो पहले मैं उसे बंद करता हूँ , कुछ सेकंड्स तक stretch करता हूँ , और उठ कर बैठ जाता हूँ . मैं इसके बारे में सोचता नहीं . मैंने ये सीखा है कि मैं उठने में जितनी देर लगाऊंगा ,उतना अधिक chance है कि मैं फिर से सोने की कोशिश करूँगा .इसलिए एक बार alarm बंद हो जाने के बाद मैं अपने दिमाग में ये वार्तालाप नहीं होने देता कि और देर तक सोने के क्या फायदे हैं . यदि मैं सोना भी चाहता हूँ , तो भी मैं तुरंत उठ जाता हूँ .
इस approach को कुछ दिन तक use करने के बाद मैंने पाया कि मेरे sleep patterns एक natural rhythm में सेट हो गए हैं . अगर किसी रात मुझे बहुत कम नीद मिलती तो अगली रात अपने आप ही मुझे जल्दी नीद आ जाती और मैं ज्यदा सोता . और जब मुझमे खूब energy होती और मैं थका नहीं होता तो कम सोता . मेरी बॉडी ने ये समझ लिया कि कब मुझे सोने के लिए भेजना है क्योंकि उसे पता है कि मैं हमेशा उसी वक़्त पे उठूँगा और उसमे कोई समझौता नहीं किया जा सकता .
इसका एक असर ये हुआ कि मैं अब हर रात लगभग 90 मिनट कम सोता ,पर मुझे feel होता कि मैंने पहले से ज्यादा रेस्ट लिया है . मैं अब जितनी देर तक बिस्तर पर होता करीब उतने देर तक सो रहा होता .
मैंने पढ़ा है कि ज्यादातर अनिद्रा रोगी वो लोग होते हैं जो नीद आने से पहले ही बिस्तर पर चले जाते हैं . यदि आपको नीद ना आ रही हो और ऐसा लगता हो कि आपको जल्द ही नीद नहीं आ जाएगी , तो उठ जाइये और कुछ देर तक जगे रहिये . नीद को तब तक रोकिये जब तक आपकी body ऐसे hormones ना छोड़ने लगे जिससे आपको नीद ना आ जाये.अगर आप तभी bed पे जाएँ जब आपको नीद आ रही हो और एक निश्चित समय उठें तो आप insomnia का इलाज कर पाएंगे .पहली रात आप देर तक जागेंगे , पर बिस्तर पर जाते ही आपको नीद आ जाएगी . .पहले दिन आप थके हुए हो सकते हैं क्योंकि आप देर से सोये और बहुत जल्दी उठ गए , पर आप पूरे दिन काम करते रहेंगे और दूसरी रात जल्दी सोने चले जायेंगे .कुछ दिनों बाद आप एक ऐसे pattern में settle हो जायेंगे जिसमे आप लगभग एक ही समय बिस्तर पर जायंगे और तुरंत सो जायंगे .
इसलिए यदि आप जल्दी उठाना चाहते हों तो ( या अपने sleep pattern को control करना चाहते हों ), तो इस try करिए : सोने तभी जाइये जब आपको सच -मुच बहुत नीद आ रही हो और हर दिन एक निश्चित समय पर उठिए .
एप्पल फाउंडर स्टीव जॉब्स के 8 सबक
व जॉब्स बहुत बड़े अविष्कारक और प्रवर्तक थे | उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नही देखा | कहते हैं कि स्टीव जॉब्स जब तक जिए ,केवल काम ही करते रहे अपनी मृत्यु से 6 सप्ताह पूर्व तक वे एप्पल के लिए समर्पित रहे | उन्होंने अपने जीवन में कुछ अकाट्य बातें कही जो आज के युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत है |
स्टीव ने समय समय पर जो प्रेरणादायक बातें कही उनमे से कुछ यहाँ प्रस्तुत है -:
हमेशा लीक से हटकर चले -: जॉब्स ने कहा की जब कोई सबके साथ नही चलता हमारे मन की बात नही करता तो हम तुरंत कह देते है “ यह तो पागल है | छोड़ो इसे अपना काम करो |लेकिन जॉब्स इसे साधारण नही मानते जिसे लोग पागल कहते है | विद्रोही कहते है |,संकट पैदा करने वाला मानते है |उसमे वास्तव में कुछ असाधारण है तभी तो वो आपसे अलग ढंग से बोल रहा है, सोच रहा है या कह रहा है |उसकी बात ध्यान से सुनो | कुछ न कुछ तो है | वह आपके लिए मूल्यवान हो सकता है| क्यूंकि ऐसे लोग नियमों की परवाह नही करते | उन्हें अपने सम्मान या अहंकार की भी परवाह नही होती | क्यूंकि वे चीजों को बदलने की क्षमता रखते है | वे दौड को आगे बढ़ाते है | आज वे अकेले है इसलिए पागल कहे जाते है | जब दुनिया उनके पीछे होगी, तब वे बुद्धिमान कहे जायेंगे |
निर्धारित करें की आप क्या करना चाहते है -: स्टीव ने कहा की सबसे महत्वपूर्ण अपने दिल और अंतर्ज्ञान पर अमल करने का साहस करें | किसी तरह उन्हें पहले से ही पता होता है की आप सही में क्या बनाना चाहते है | बाकी हर चीज गौण है | उन्होंने कहा की आप अपने दिल और अंतर्मन की आवाज क्यों नही सुन रहे हो आपके अन्दर लक्ष्य पहले से ही निश्चित होता है इसलिए वही करिए जो आप करना चाहते है और यदि वह कार्य आपको नही मिला है तो उसे ढूढ़ते रहिये और जिस दिन वो आपको मिल जाएगा तो आप स्वयं जान जायेंगे की आपको करना क्या है |
Think Different -: यह स्टीव का मूल मंत्र था | कितना छोटा सा शब्द लेकिन कितनी गहराई लये हुए इसी शब्द के भरोसे उन्होंने उधोगों को बदला, बिजनेस मोडल को नई परिभाषा दी और टेक्नोलॉजी को आर्ट से जोड़ा आज लोग उनकी तुलना थॉमस एडिसन,वाल्ट डिज्नी,लियानार्दो द विंची से कर रहे है लोग चिल्ला चिल्ला कर कह रहे है की स्टीव जैसा शख्स अब जल्द दुनिया को मिलने वाला नही है | इस सब के पीछे क्या था ? एक अलग तरह की सोच,एकला चलो की नीति और दूसरों के ढेर सारे निर्णयों को बदलते हुए अपनी आत्मा की आवाज के नक़्शे कदम पर चलना |
इंतज़ार बंद कीजिये अकेले चलिए -: स्टीव कहते थे की यदि जीतना है, सफल होना है तो अकेले ही चलना होगा . आज तक दुनिया में जितने भी सितारे चमके है सब अकेले ही चले है | वे लोगो को मोटीवेट करते थे और कहते थे की किसका इन्तेजार कर रहे हो ?आपको जिताने के लिए कोई नही आएगा | आपको खुद जीतना होगा | जिंदगी केवल समय काटने के लिए नही है बल्कि जिन्दादिली के साथ जीने के लिए है ज़िन्दगी घिसटने के लिए नही है वल्कि उड़ान भरने के लिए है जिंदगी को बोझ मत समझिये बल्कि मुस्कुरा कर जिए | इन्तेजार मत कीजिये लग जाइए अकेले चलिए और इतिहास रच दीजिये |
Don’t compromise – : स्टीव जॉब्स अपने कर्मचारियों से हमेशा कहते थे की Design , material , technology , and craftsmanship में कभी भी समझोता मत करो समझोता एक इंजेक्शन की भाति है जो सहायक भी हो सकता है और तकलीफ़देह भी यदि हार मानकर समझोता कर लिया तो फिर आपकी क्या कीमत रह जायेगी ? आप किस लिए है? क्या समझोता करने के लिए| यह काम तो कोई भी कर सकता है अतः आपमें और औरों में क्या अंतर हुआ अतः मेरी सलाह है की अपनी अंतरात्मा की आवाज के विपरीत किसी भी अन्य बात पर समझोता मत करों और हमेशा बदलाव की सोच रखो |
समय अनमोल है -: स्टीव जॉब्स कहते है जिंदगी का बीतने वाला प्रत्येक क्षण आपकी ज़िन्दगी से कुछ न कुछ चुरा ले जाता है और आपको पता ही नही चलता और अंततः एक दिन वह आता है जब हमें पता चलता है की हमने ज़िन्दगी में कुछ किया ही नही पूरी ज़िन्दगी यूँ ही बीत गयी |जीवन में कुछ अर्थपूर्ण करना है तो समय के महत्त्व को समझना होगा।
मनुष्य अपने भाग्य का विधाता स्वयं है -: यह वाक्य बताता है कि यदि मनुष्य चाहे तो स्वयं असंभव को संभव कर सकता है आपका भाग्य,आपके कर्म सिद्धांत,दुसरो की सहायता यह सब अपनी जगह सही हो सकते है| लेकिन यह भी सत्य है की मनुष्य अपनी संकल्पशक्ति के सहारे भाग्य को भी बदल सकता है| बहुतों ने ऐसा कर दिखाया है और बहुत लोग आज कर रहे है,और आगे भी करेंगे सब कुछ तुम्हारे अन्दर है| अनंत शक्ति वाली सत्ता तुम्हारे अन्दर निवास करती है | फिर तुम्हे किसके सहारे की जरूरत है इसलिए उस कार्य में लग जाइए जिसे आप करना चाहते है |
मृत्यु एक सत्य है -: जॉब्स ने बताया इस अटल सत्य को ऐसे समझना चाहिए कि “आपके पास खोने के लिए कुछ नही है| ”सबसे अच्छा तरीका यह याद करना है की आप मरने जा रहे है. उन्होंने कहा ,जब मृत्यु उपयोगी लेकिन शुद्ध रूप से बौद्धिक अवधारणा थी ,उसके मुकाबले में अब पहले से ज्यादा निश्चय के साथ आपसे कह सकता हूँ की कोई मरना नही चाहता यहाँ तक की वह लोग जो स्वर्ग जाना चाहते है वे भी वह जाने के लिए मौत नही चाहते|
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7 आदतें जो बना सकती हैं आपको सबका पसंदीदा व्यक्ति
दोस्तों, हर कोई चाहता है कि लोग उसे पसंद करें, society में उसकी पूछ हो और professional life में उसे उचित सम्मान मिले। पर हकीकत में ऐसे कम ही लोग होते हैं जो सबके पसंदीदा व्यक्ति बन पाते है।
आगे पढने से पहले आप अपने फ्रेंड सर्किल और प्रोफेशनल लाइफ में मौजूद कुछ ऐसे लोगों के बारे में सोचें जिन्हें ज्यादातर लोग पसंद करते हैं।
अब जानने की कोशिश करें कि आखिर इन चंद लोगों में ऐसा क्या है जो इन्हें सबका favourite बनाता है। I am sure, जब आप इसे बारे में थोडा गहराई से सोचेंगे तो पायेंगे कि इन लोगों में कुछ ऐसी आदतें हैं जो इन्हें ऐसा बनाती हैं। और आज हम इस लेख में ऐसी ही 7 आदतों को जानने की कोशिश करेंगे जिन्हें अपनाकर आप भी बन सकते हैं सबके पसंदीदा व्यक्ति।
7 आदतें जो बना सकती हैं आपको सबका पसंदीदा व्यक्ति
How to become likeable person in Hindi or How to become favourite of all in Hindi
1) सरलता को अपनाएं / Adopt Simplicity
हमारी पसंदीदा लोगों कि लिस्ट में जो लोग भी हैं उनमे एक बात कॉमन है वे सभी बड़े simple लोग हैं। उनमे किसी तरह का दिखावा नहीं है। न उन्हें अपनी knowledge पे घमंड है, न उन्हें अपनी ignorance को लेकर कुछ छिपाना है…न उन्हें अपनी ज्यादा कमाई पर कोई अभिमान है और न पैसे कम होने पर झूठ-मूठ का दिखावा है कि मेरे पास बहुत पैसे हैं। मतलब, ये ऐसे लोग हैं जो आपको वैसे ही दिखते हैं जैसे वे सचमुच हैं। और दिखावे से भरी इस दुनिया में ऐसे सरल लोग अपने आप ही अच्छे लगने लगते हैं। इसलिए अगर आपको भी पसंदीदा व्यक्तियों की लिस्ट में शामिल होना है तो सरलता को अपनाएं।
2) सच बोलें / Speak the Truth
छोटी-छोटी चीजों से लेकर बड़े-बड़े मामलों में सच बोलें। सच की ताकत से बड़ी शायद ही कोई और ताकत हो, और अगर ये ताकत आपके पास है तो अपने आप ही लोग आपको चाहने लगते हैं…आपके मुरीद हो जाते हैं।
Mark Twain ने कहा है –
यदि आप सच बोलते हैं तो आपको कुछ याद रखने की ज़रुरत नहीं रहती।
और जब ऐसा होता है तब आप कभी अपनी ही बातों को contradict नहीं करते, और धीरे-धीरे लोग आपको एक सच्चे व्यक्ति के रूप में जानने लगते हैं, आप पर भरोसा करने लगते हैं। सच बोलने वाले लोगों को सभी पसंद करते हैं और उनका सम्मान किया जाता है। वहीँ झूठ बोलने की आदत रखने वाले लोग भी आसानी से identify हो जाते हैं और उन्हें कभी वो इज्जत वो सम्मान नही मिल पाता।
यहाँ एक बात कहना चाहूँगा कि हमेशा सच बोलन एक बेहद कठिन काम है लेकिन अगर हम 100% of the time सच नहीं बोल सकते तो इसका ये मतलब नहीं कि हम इसके लिए effort ही ना करें…हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम अधिक से अधिक सच बोलें और कभी ऐसा झूठ तो कतई न बोलें जिससे किसी को नुक्सान हो!
3) निःस्वार्थता को बढाएं / Be Selfless
समाज में लोगो के मतलबी बन जाने से बहुत सी समस्याएं पैदा हो रही हैं। निःस्वार्थता एक उत्कृष्ट गुण है। अपनी दया और करुणा को यदि निःस्वार्थता से जोड़ दिया जाए तो आपका व्यक्तित्व दो गुना निखर जायेगा। मतलबी लोग हमेशा कमजोर होते हैं और वे कभी किसी को प्यार नही कर सकते, यहाँ तक की वे अपने रिश्तेदारों से भी प्यार नही करते। ऐसे लोगो को कोई पसंद नही करता।
निःस्वार्थता की भावना को बढ़ाने से आपमें अपनाने की क्षमता बढती रहेगी। कभी भी जीवन में किसी को धोका देने के बारे में न सोचे। क्योकि ऐसा करने से आपको चंद मिनटों का आनंद तो मिल सकता है लेकिन भविष्य में आपको जिंदगी भर का दुःख भी मिल सकता है। दुसरो की जरूरतों को जानने की कोशिश करे। लोगो को खुश करके उनकी ख़ुशी में ही खुश रहने की कोशिश करे और अपने अंदर निःस्वार्थता की भावना को विकसित करे। ऐसा करने से आपके व्यक्तित्व में चमत्कारिक बदलाव होगा।
4) उदार रहें / Be Generous
उदारता जीवन का आतंरिक भाग है। आप जो कुछ भी करते हो उसमे हमेशा उदार रहें। दूसरों के गुणों को देखें , मीठे शब्द बोले और बोलने से अधिक सुनने की आदत डालें। जिन्हें जरुरत है उनकी सहायता करें। अपने पैसों, सामान, समय, किताबो या और भी दुसरे रास्तो से उनकी सहायता करे। गरीबो को आपके कपडे और उपयोग की गयी वस्तुओ को देकर उनकी सहायता करे। निःस्वार्थ मन से उनकी सेवा करे।
बाइबिल में कहा गया है कि ,
भूख को महसूस करें और उन लोगो की सहायता करे जो मुसीबत में है। तभी आपका प्रकाश अंधकार से उजाले की और जायेगा, और अंधकार उजाले में परिवर्तित हो जायेगा।
अपनी योग्यताओ को उनकी सहायता करने के लिये उपयोग करे जिन्हें जरुरत हो, जिन्हें आपका समय चाहिये हो, आपका ज्ञान चाहिये हो या आपसे पैसो की मदद चाहिए हो। आपका समय किसी अच्छे इंसान को दे, ताकि इसका फायदा दुसरे लोगो को भी हो सके। ऐसे बहुत से तरीके है जिनसे आप लोगो की सहायता कर सकते हैं। हमेशा दूसरो का ध्यान रखिये और अपने पास जो कुछ भी है उसे दूसरो के साथ बाटिये। उदारता से आपके व्यक्तित्व में चमत्कारिक बदलाव आएगा।
5) दूसरों को पसंद करें, उनका सम्मान करें / Genuinely Like and Respect others
दोस्तों, एक तरफ हम चाहते हैं कि लोग हमें पसंद करें, लेकिन दूसरी तरफ हम औरों के प्रति उदासीन व्यवहार बनाए रखते हैं! अगर हम चाहते हैं कि लोग हमें पसंद करें तो हमें औरों को भी पसंद करना होगा, उनका सम्मान करना होगा। और ये करना इतना कठिन नहीं है, अगर आप खोजेंगे तो हर एक इंसान में कुछ न कुछ ऐसा मिल जायेगा जो praiseworthy होगा, जो काबिले तारीफ होगा।
राल्फ वाल्डो इमर्सन ने कहा भी है –
मैं जिस व्यक्ति से भी मिलता हूँ वह किसी ना किसी रूप में मुझसे बेहतर है।
अगर हर कोई हमसे किसी न किसी रूप में बेहतर है तो उसको like करना , उसकी respect करना तो बनता है।सभी का आदर और सम्मान करे, चाहे कोई आपसे पद में छोटा ही क्यों न हो।
हमेशा याद रखे अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिये आपको दूसरो को पसंद करने, उनका आदर करने की अपनी आदत को विकसित करना होगा। लोगों की गलतियाँ निकालना और उनकी आलोचना करना बंद करे। लोगो से कभी अपशब्दों में बात नही करें। कभी भी लोगो की बेईज्ज़ती ना करें और ना ही उनका मजाक उडाएं। कभी उन्हें तकलीफ में न डालें।
कोशिश करिए कि जो जैसा है उसे उस रूप में accept करें, परफेक्ट तो कोई भी नहीं! जब आप एक बार किसी को एक्सेप्ट कर लेते हैं तो अपने आप ही उस व्यक्ति के सम्बन्ध आपके साथ प्रगाढ़ होते चले जाते हैं और तब आप एक–दसूरे को अपना व्यक्तित्व सुधारने में मदद कर सकते हैं।
ये तो हो गयी सम्मान देने की बात, इसी का दुसरा पहलु है सम्मान पाना। तो इसके लिए बस इतना याद रखिये कि किसी से भी आप जबरदस्ती सम्मान नहीं पा सकते, बल्कि ये एक ऐसी चीज है जिसे आप अपने व्यवहार से कमा सकते हैं। इसलिए कभी भी औरों से ये एक्सेप्ट मत करिए कि वो आपका सम्मान करें बल्कि आप ऐसा कुछ करिए कि अपने आप ही लोग आपका सम्मान करें। और इसी का एक आसान तरीका है दूसरों का सम्मान करना- जब आप लोगों का सम्मान करते हैं तो बदले में आप भी सम्मान के अधिकारी हो जाते हैं।किसी ने सच ही कहा है, “दूसरो के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा आप अपने लिये चाहते हैं।”
6) खुश रहें / Be Happy
आप किसके साथ समय बिताना चाहेंगे एक खुश व्यक्ति के साथ या एक मायूस इंसान के साथ? Obviously, हम उसी के साथ रहना पसंद करते हैं जो खुशमिजाज हो। इसलिए आप भी खुश रहने का प्रयास करिए। ये understood है कि आपकी लाइफ में भी problems होंगी, पर बावजूद इन समस्याओं के मुस्कुराना सीखिए।
याद रखिये बुरी से बुरी situation में भी कुछ न कुछ उम्मीद छिपी होती है, कुछ न कुछ ऐसा होता है जो हमें positivity की ओर ले जा सकता है, बस हमें उस नज़रिए से चीजों को देखने का प्रयास करना चाहिए।
जब आप खुश होते हो तो आपके लिये परिस्थिती को संभालना आसान हो जाता है। कभी भी अपनी तुलना दूसरो से न करे। क्योकि आप अकेले हो और इस धरती पर आपके जैसे व्यक्तित्व वाला दूसरा कोई नही है। अपनी मुसीबतों के लिये कभी भी दुसरो को दोषी न ठहराये। हमेशा मुस्कुराते रहे और मुस्कुराते हुए ही लोगो की सहायता करते रहे। क्योकि दुनिया उन्ही लोगों को पसंद करती है जिनका स्वभाव आनंदित होता है।
दोस्तों, ख़ुशी को टालिए नहीं, ये मत सोचिये कि जब मेरी पढाई पूरी हो जायेगी तब मैं खुश रहूँगा…जब मैं सफल हो जाऊँगा तब मैं खुश रहूँगा, नहीं आप आज ही से खुश रहिये । दरअसल, खुश रहना एक नजरिया है और अगर हम सबके favourite बनना चाहते हैं तो हमें ये नजरिया ये attitude develop करना ही होगा!
7) माफ़ करना सीखें / Learn To Forgive:
दूसरो को माफ़ करना इंसान के सबसे महान गुणों में से एक माना जाता है। क्योकि दुसरो को माफ़ करते समय आप अपने नहीं बल्कि दूसरो के जीवन के बारे में सोचने लगते हो और उसी समय आपके अंदर भलाई की भावना निर्मित होती है। आनंदित, खुश, दयालु और उदार रहने का यह एक महान तरीका है- दूसरो को माफ़ करते रहे।
यदि आप दूसरो के साथ लड़ाई करते हैं, बेकार की बहस करते हैं तो आप कभी शांत नही रह सकते। माफ़ी दूसरो को दिया जाने वाला सबसे बेशकीमती उपहार है। वह इंसान जो लोगो को माफ़ करता है और अपनी गलतियों को देखता है वह हमेशा क्रोध, दुःख, चिंता और मुसीबतों से दूर ही रहता है। बल्कि ऐसे इंसान के अंदर तो प्यार, करुणा, दया, आशा और ख़ुशी का समावेश होता है।
माफ़ करने का एक ज़रूरी अंग है खुद को भी माफ़ करना। आपकी गलती हो या दूसरो की। माफ़ करने से आपका मानसिक और शारीरिक दोनों ही रूप से विकास होता है। वे लोग जो स्वयम को और दूसरो को माफ़ करना जानते है, वे बेकार की चिंताओं से मुक्त रहते हैं और फलत: उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
क्षमाशील स्वभाव वाले लोग अक्सर खुश रहते है। इसलिए आपको क्षमा करने की आदत डालनी चाहिये और दूसरो की गलतियों को माफ़ करना चाहिये।
Friends, तो ये थीं वो 7 आदतें जो आपको लोगों का पसंदीदा व्यक्ति बना सकती हैं। हम उम्मीद करते हैं कि यहाँ बताई गयी बातें आपके लिए helpful होंगी और इन्हें अपना कर आप भी सभी की favourite list में शामिल हो पायेंगे!
Thanks & All the best !
Self-confidence बढाने के 10 तरीके
इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता की जीवन में सफलता पाने के लिए self-confidence एक बेहद important quality है . जीवन में किसी मुकाम पर पहुंच चुके हर एक व्यक्ति में आपको ये quality दिख जाएगी , फिर चाहे वो कोई film-star हो , कोई cricketer, आपके पड़ोस का कोई व्यक्ति , या आपको पढ़ाने वाला शिक्षक . आत्मविश्वास एक ऐसा गुण है जो हर किसी में होता है , किसी में कम तो किसी में ज्यादा . पर ज़रुरत इस बात की है कि अपने present level of confidence को बढ़ा कर एक नए और बेहतर level तक ले जाया जाये . और आज AKC पर मैं आपके साथ कुछ ऐसी ही बातें share करूँगा जो आपके आत्म-विश्वास को बढाने में मददगार हो सकती हैं :
1) Dressing sense improve कीजिये :
आप किस तरह से dress-up होते हैं इसका असर आपके confidence पर पड़ता है . ये बता दूँ कि यहाँ मैं अपने जैसे आम लोगों की बात कर रहा हूँ , Swami Vivekanandऔर Mahatma Gandhi जैसे महापुरुषों का इससे कोई लेना देना नहीं है , और यदि आप इस category में आते हैं तो आपका भी :).
मैंने खुद इस बात को feel किया है , जब मैं अपनी best attire में होता हूँ तो automatically मेरा confidence बढ़ जाता है , इसीलिए जब कभी कोई presentation या interview होता है तो मैं बहुत अच्छे से तैयार होता हूँ . दरअसल अच्छा दिखना आपको लोगों को face करने का confidence देता है और उसके उलट poorly dress up होने पे आप बहुत conscious रहते हैं .
मैंने कहीं एक line पढ़ी थी ,” आप कपड़ों पे जितना खर्च करते हैं उतना ही करें , लेकिन जितनी कपडे खरीदते हैं उसके आधे ही खरीदें ” . आप भी इसे अपना सकते हैं.
2) वो करिए जो confident लोग करते हैं :
आपके आस -पास ऐसे लोग ज़रूर दिखेंगे जिन्हें देखकर आपको लगता होगा कि ये व्यक्ति बहुत confident है . आप ऐसे लोगों को ध्यान से देखिये और उनकी कुछ activities को अपनी life में include करिए . For example:
• Front seat पर बैठिये .
• Class में , seminars में , और अन्य मौके पर Questions पूछिए / Answers दीजिये
• अपने चलने और बैठने के ढंग पर ध्यान दीजिये
• दबी हुई आवाज़ में मत बोलिए .
• Eye contact कीजिये , नज़रे मत चुराइए .
3) किसी एक चीज में अधिकतर लोगों से बेहतर बनिए :
हर कोई हर field में expert नहीं बन सकता है , लेकिन वो अपने interest के हिसाब से एक -दो areas चुन सकता है जिसमे वो औरों से बेहतर बन सकता है . जब मैं School में था तो बहुत से students मुझसे पढाई और अन्य चीजों में अच्छे थे , पर मैं Geometry में class में सबसे अच्छा था (thanks to Papa :)), और इसी वजह से मैं बहुत confident feel करता था . और आज मैं AKC को world’s most read Hindi Blog बना कर confident feel करता हूँ . अगर आप किसी एक चीज में महारथ हांसिल कर लेंगे तो वो आपको in-general confident बना देगा . बस आपको अपने interest के हिसाब से कोई चीज चुननी होगी और उसमे अपने circle में best बनना होगा , आपका circle आप पर depend करता है , वो आपका school,college, आपकी colony या आपका शहर हो सकता है .
आप कोई भी field चुन सकते हैं , वो कोई art हो सकती है , music, dancing,etc कोई खेल हो सकता है , कोई subject हो सकता है या कुछ और जिसमे आपकी expertise आपको भीड़ से अलग कर सके और आपकी एक special जगह बना सके . ये इतना मुश्किल नहीं है , आप already किसी ना किसी चीज में बहुतों से बेहतर होंगे , बस थोडा और मेहनत कर के उसमे expert बन जाइये , इसमें थोडा वक़्त तो लगेगा , लेकिन जब आप ये कर लेंगे तो सभी आपकी respect करेंगे और आप कहीं अधिक confident feel करेंगे .
और जो व्यक्ति किसी क्षेत्र में special बन जाता है उसे और क्षेत्रों में कम knowledge होने की चिंता नहीं होती , आप ही सोचिये क्या कभी सचिन तेंदुलकर इस बात से परेशान होते होंगे कि उन्होंने ज्यादा पढाई नहीं की ….कभी नहीं !
4) अपने achievements को याद करिए :
आपकी past achievements आपको confident feel करने में help करेंगी . ये छोटी -बड़ी कोई भी achievements हो सकती हैं . For example: आप कभी class में first आये हों , किसी subject में school top किया हो , singing completion या sports में कोई जीत हांसिल की हो , कोई बड़ा target achieve किया हो , employee of the month रहे हों . कोई भी ऐसी चीज जो आपको अच्छा feel कराये .
आप इन achievements को dairy में लिख सकते हैं , और इन्हें कभी भी देख सकते हैं , ख़ास तौर पे तब जब आप अपना confidence boost करना चाहते हैं .इससे भी अच्छा तरीका है कि आप इन achievements से related कुछ images अपने दिमाग में बना लें और उन्हें जोड़कर एक छोटी सी movie बना लें और समय समय पर इस अपने दिमाग में play करते रहे . Definitely ये आपके confidence को boost करने में मदद करेगा .
5) Visualize करिए कि आप confident हैं :
आपकी प्रबल सोच हकीकतबनने का रास्ता खोज लेती है , इसलिए आप हर रोज़ खुद को एक confident person के रूप में सोचिये . आप कोई भी कल्पना कर सकते हैं , जैसे कि आप किसी stage पर खड़े होकर हजारों लोगों के सामने कोई भाषण दे रहे हैं , या किसी seminar haal में कोई शानदार presentation दे रहे हैं , और सभी लोग आपसे काफी प्रभावित हैं , आपकी हर तरफ तारीफ हो रही है और लोग तालियाँ बजा कर आपका अभिवादन कर रहे हैं . Albert Einstein ने भी imagination को knowledge से अधिक powerful बताया है ; और आप इस power का use कर के बड़े से बड़ा काम कर सकते हैं .
6) गलतियाँ करने से मत डरिये:
क्या आप ऐसे किसी व्यक्ति को जानते हो जिसने कभी गलती ना की हो ? नहीं जानते होंगे , क्योंकि गलतियाँ करना मनुष्य का स्वभाव है , और मैं कहूँगा कि जन्मसिद्ध अधिकार भी . आप अपने इस अधिकार का प्रयोग करिए . गलती करना गलत नहीं है ,उसे दोहराना गलत है . जब तक आप एक ही गलती बार -बार नहीं दोहराते तब तक दरअसल आप गलती करते ही नहीं आप तो एक प्रयास करते हैं और इससे होने वाले experience से कुछ ना कुछ सीखते हैं .
दोस्तों कई बार हमारे अन्दर वो सब कुछ होता है जो हमें किसी काम को करने के लिए होना चाहिए , पर फिर भी failure के डर से हम confidently उस काम को नहीं कर पाते . आप गलतियों के डर से डरिये मत , डरना तो उन्हें चाहिए जिनमे इस भय के कारण प्रयास करने की भी हिम्मत ना हो !! आप जितने भी सफल लोगों का इतिहास उठा कर देख लीजिये उनकी सफलता की चका-चौंध में बहुत सारी असफलताएं भी छुपी होंगी .
Michel Jordan, जो दुनिया के अब तक के सर्वश्रेष्ठ basketball player माने जाते हैं; उनका कहना भी है कि , “मैं अपनी जिंदगी में बार-बार असफल हुआ हूँ और इसीलिए मैं सफल होता हूँ.”
आप कुछ करने से हिचकिचाइए मत चाहे वो खड़े हो कर कोई सवाल करना हो , या फिर कई लोगों के सामने अपनी बात रखनी हो , आपकी जरा सी हिम्मत आपके आत्मविश्वास को कई गुना बढ़ा सकती है . सचमुच डर के आगे जीत है!
7) Low confidence के लिए अंग्रेजी ना जानने का excuse मत दीजिये :
हमारे देश में अंग्रेजी का वर्चस्व है . मैं भी अंग्रेजी का ज्ञान आवश्यक मानता हूँ ,पर सिर्फ इसलिए क्योंकि इसके ज्ञान से आप कई अच्छी पुस्तकें , ब्लॉग , etc पढ़ सकते हैं , आप एक से बढ़कर एक programs, movies, इत्यादि देख सकते हैं . पर क्या इस भाषा का ज्ञान confident होने के लिए आवश्यक है , नहीं . English जानना आपको और भी confident बना सकता है पर ये confident होने के लिए ज़रूरी नहीं है . किसी भी भाषा का मकसद शब्दों में अपने विचारों को व्यक्त करना होता है , और अगर आप यही काम किसी और भाषा में कर सकते हैं तो आपके लिए अंग्रेजी जानने की बाध्यता नहीं है .
मैं गोरखपुर से हूँ , वहां के संसद योगी आदित्य नाथ को मैंने कभी अंग्रेजी में बोलते नहीं सुना है , पर उनके जैसा आत्मविश्वास से लबरेज़ नेता भी कम ही देखा है . इसी तरह मायावती , और मुलायम सिंह जैसे नेताओं में आत्मविश्वास कूट -कूट कर भरा है पर वो हमेशा हिंदी भाषा का ही प्रयोग करते हैं . दोस्तों, कुछ जगहों पर जैसे कि job-interview में अंग्रेजी का ज्ञान आपके चयन के लिए ज़रूरी हो सकता है , पर confidence के लिए नहीं , आप बिना English जाने भी दुनिया के सबसे confident व्यक्ति बन सकते हैं .
8 ) जो चीज आपका आत्मविश्वास घटाती हो उसे बार-बार कीजिये :
कुछ लोग किसी ख़ास वजह से confident नहीं feel करते हैं . जैसे कि कुछ लोगों में stage-fear होता है तो कोई opposite sex के सामने nervous हो जाता है . यदि आप भी ऐसे किसी challenge को face कर रहे हैं तो इसे beat करिए . और beat करने का सबसे अच्छा तरीका है कि जो activity आपको nervous करती है उसे इतनी बार कीजिये कि वो आप ताकत बन जाये . यकीन जानिए आपके इस प्रयास को भले ही शुरू में कुछ लोग lightly लें और शायद मज़ाक भी उडाएं पर जब आप लगातार अपने efforts में लगे रहेंगे तो वही लोग एक दिन आपके लिए खड़े होकर ताली बजायेंगे .
गाँधी जी की कही एक line मुझे हमेशा से बहुत प्रेरित करती रही है “पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे, और तब आप जीत जायेंगे.” तो आप भी उन्हें ignore करने दीजिये , हंसने दीजिये ,लड़ने दीजिये ,पर अंत में आप जीत जाइये . क्योंकि आप जीतने के लिए ही यहाँ हैं , हारने के लिए नहीं .
9) विशेष मौकों पर विशेष तैयारी कीजिये :
“सफलता के लिए आत्म-विश्वास आवश्यक है, और आत्म-विश्वास लिए तैयारी”-Arthur Ashe
जब कभी आपके सामने खुद को prove करने का मौका हो तो उसका पूरा फायदा उठाइए . For example: आप किसी debate,quiz, dancing या singing competition में हिस्सा ले रहे हों , कोई test या exam दे रहे हो ,या आप कोई presentation दे रहे हों , या कोई program organize कर रहे हों . ऐसे हर एक मौके के लिए जी -जान से जुट जाइये और बस ये ensure करिए कि आपने तैयारी में कोई कमी नहीं रखी , अब result चाहे जो भी हो पर कोई आपकी preparation को लेकर आप पर ऊँगली ना उठा पाए.
Preparation और self-confidence directly proportional हैं . जितनी अच्छी तैयारी होगी उतना अच्छा आत्म -विश्वास होगा .और जब इस तैयारी की वजह से आप सफल होंगे तो ये जीत आपके life की success story में एक और chapter बन जाएगी जिसे आप बार -बार पलट के पढ़ सकते हैं और अपना confidence boost कर सकते हैं .
10)Daily अपना MIT पूरा कीजिये :
कुछ दिन पहले मैंने AKC पर MIT यानि Most Important Task के बारे में लिखा था , यदि आपने इसे नहीं पढ़ा है तो ज़रूर पढ़िए . यदि आप अपना daily का MIT पूरा करते रहेंगे तो निश्चित रूप से आपका आत्म -विश्वास कुछ ही दिनों में बढ़ जायेगा . आप जब भी अपना MIT पूरा करें तो उसे एक छोटे success के रूप में देखें और खुद को इस काम के लिए शाबाशी दें .रोज़ रोज़ लगातार अपने important tasks को successfully पूरा करते रहना शायद अपने confidence को boost करने का सबसे कारगर तरीका है . आप इसे ज़रूर try कीजिये.
Friends, ये याद रखिये कि आपका confidence आपकी education, आपकी financial condition या आपके looks पर नहीं depend करता और आपकी इज़ाज़त के बिना कोई भी आपको inferior नहीं feel करा सकता. आपका आत्म-विश्वास आपकी सफलता के लिए बेहद आवश्यक है,और आजआपका confidence चाहे जिस level हो, अपने efforts से आप उसे नयी ऊँचाइयों तक पहुंचा सकते हैं.
All the best!