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    Medicine Marketing Business in Hindi

    भारतीय दवा बाज़ार की साइज़ लगभग 20 Billion Dollars यानि 1 लाख 32 हज़ार करोड़ रुपये है और अगले 5 सालों में इसके 20% CAGR से बढ़ने की सम्भावना है. इसका मतलब है कि Indian Medicine Market इतना बड़ा है कि इसमें हज़ारों युवाओं को as a business person absorb करने की क्षमता है.
    बतौर entrepreneur इस बाज़ार का हिस्सा बहुत तरह से बना जा सकता है। For example:
    • अपनी फार्मास्यूटिकल कंपनी शुरू करके
    • दवा की दुकान खोल कर के
    • Stockist या होलसेलर बन के
    • Diagnositic lab start करके
    • Hospital या क्लिनिक शुरू करके
    • दवाओं की मार्केटिंग का काम करके
    • इत्यादि
    अपने इस लेख में मैं आज बात करूँगा कि:

    दवाओं की मार्केटिंग का काम कैसे शुरू किया जाए?

    How to start Medicine Marketing Business in Hindi? 

    क्या होता है मेडिसिन मार्केटिंग का मतलब?

    जब आप किसी डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाते हैं तो कई बार tie लगाये कुछ medical representative (MR) भी डॉक्टर के इंतज़ार में बैठे दिख जाते हैं। MRs किसी फार्मा कंपनी, जैसे कि Ranbaxy, Cipla, etc. के employee होते हैं और डॉक्टर से मिलकर अपनी कंपनी की दवाओं के बारे में बताते हैं। और chemist shops पर इन्हें उपलब्ध कराते हैं।
    डॉक्टर समझ आने पर उनकी दवाओं को patient को prescribe करता है और अन्तत: मरीज दाव की दूकान पर इनकी डिमांड करता है और इस तरह से ये दवाएं बिकती हैं।
    So, basically medicine marketing के काम में आपको अपनी चुनी हुई दवाओं को market में प्रमोट करना होता है ताकि इनकी अधिक से अधिक बिक्री हो सके। और प्रमोट करने का काम primarily doctors से मिलकर और उन्हें उन दवाओं को prescribe करने के लिए convince करके किया जाता है।
    अमूमन मेडिसिन मार्केटिंग का काम दवा कम्पनियों में काम कर रहे MR करते हैं पर आप बिना किसी कंपनी के एम्प्लोयी बने भी ये काम कर सकते हैं। आइये जानते हैं कैसे?

    दवाओं की मार्केटिंग करने का दो तरीका है:

    पहला : आप अपनी एक कंपनी रजिस्टर कराते हैं और उसके अंतर्गत दवाओं की मार्केटिंग करते हैं। इस तरीके में आप चाहे तो खुद medicines manufacture कर सकते हैं या दवा बनाने वाली कंपनियों से दवा खरीद कर अपने कम्पनी के नाम से मार्केटिंग कर सकते हैं।
    Example: Mankind Pharma मुखयतः एक medicine marketing company है। वे खुद बहुत कम ही दवाएं बनाते हैं, अधिकतर वे किसी और से manufacture कराते हैं और अपने नाम से उस दवा की marketing करते हैं। अगर आप इस कम्पनी की दवा की कोई स्ट्रिप खरीदें तो उसपर लिखा होगा- Marketed by – Mankind Pharma लेकिन Manufactured by में किसी और का नाम होगा।
    दूसरा: आप बिना कम्पनी बनाये किसी और कंपनी के प्रोडक्ट की मार्केटिंग करते हैं।
    दूसरा तरीका थोड़ा straight forward है और अगर आपको Pharmaceutical industry में ज्यादा अनभव नहीं है तो शुरुआत करने का यही recommended तरीका है। आइये इसके बारे में डिटेल में जानते हैं:

    Steps in Starting Medicine Marketing Business Without Registering a Company (Hindi)

    बिना कम्पनी रजिस्टर किये दवा की मार्केटिंग का बिजनेस शुरुआत करने के स्टेप्स:
    Step 1: अपने शहर के दवा बाज़ार को समझें:
    दवा की मार्केटिंग का काम इतना आसान नहीं है। अगर आपके पास फार्मा इंडस्ट्री का अनुभव नहीं है और आप ये काम शुरू करते हैं तो सफलता की सम्भावना बहुत कम है। इसलिए बेहतर होगा कि आप इस काम में अपना समय और पैसा इन्वेस्ट करने से पहले इस काम और overall दवा के मार्केट को समझें। इसके लिए आप किसी Pharma company में as a Medical Representative काम भी कर सकते हैं। (MR के काम के लिए आप preferably science graduate होने चाहिएं, salary 15-30 हज़ार + incentives हो सकती है। अंग्रेजी पढना आना must है और बोल सकते हैं तो और भी अच्छा है )
    बाज़ार में घूम कर, डॉक्टर्स और केमिस्ट्स से मिलकर ही आप जान पायेंगे कि किस तरह की दवाएं अधिक बिकती हैं और आप किन दवाओं को अपने marketing portfolio का हिस्सा बना सकते हैं।
    इसलिए कभी जल्दबाजी में ये काम ना शुरू करें, चीजों को समझने के बाद ही इसमें हाथ डालें।
    Step 2: जिन मेडिसिन्स की मार्केटिंग करनी है उनका चयन करें:
    शुरुआत में आप ४-५ दवाओं का चुनाव कर लीजिये और बस उन्ही की मार्केटिंग करिए। अगर आप एक साथ बहुत सारी दवाओं की मार्केटिंग करने में लग जायेंगे तो मैनेज करना मुश्किल होगा इसलिए छोटे से शुरुआत करें.
    इसी स्टेप में आप ये भी डिसाइड करें कि आप इन दवाओं को किस manufacturer या किन manufacturers से मंगाएंगे।
    Step 4: पैसों की व्यवस्था करें:
    इस काम को शुरू करने में आपको कई सारे expenses bear करने पड़ेंगे:
    • Manufacturing company से थोक में दवा मंगाना
    • डॉक्टर्स आपकी दवा लिखें इसके लिए उन्हें entertain करना (ये भी एक बड़ा खर्च है)
    • फ्री samples देना
    • बांटने के लिए डायरी, लीफलेट, गिफ्ट्स इत्यादि लेना
    • ट्रेवल कास्ट
    • सैलरी, अगर आप एम्प्लोयी रखते हैं
    • Office expense, अगर आप ऑफिस खोलते हैं। अधिकतर लोग घर से ही ये काम शुरू करते हैं।
    एक rough estimate रखें तो इन सब कामो के लिए आपके पास 3-4 लाख रुपये होने चाहियें।
    Step 3: टीम बनाएं
    यदि आप अपने साथ कुछ अनुभवी व्यक्ति को as a partner or employee जोड़ सकते हैं तो अच्छा रहेगा। हालाँकि, ये आपके बजट पर भी डिपेंड करेगा। अधिकतर लोग शुरुआत अकेले करते हैं और काम बढ़ जाने पर कुछ MRs को recruit कर लेते हैं। अगर आप अकेले ही काम करना चाहते हैं तो आप इस स्टेप को ignore कर दें।
    Step 4: दवा का आर्डर प्लेस करें
    यहाँ थोडा समझना होगा। कोई भी आदमी बिजनेस करने के लिए किसी कम्पनी से ऐसे ही दवा नही मंगा सकता। इस काम के लिए स्टॉकिस्ट या होलसेलर बनाना पड़ता है, और चूँकि आप ये काम as an individual कर रहे हैं इसलिए आप जिस manufacturer की दवा मंगाना चाह रहे हैं उसके किसी stockist या wholesaler से contact करना होगा।
    एक उदहारण लेते हैं :
    आप as an individual Lucknow में काम कर रहे हैं और आपको Himachal Pradesh (HP) में स्थित XYZ medicine manufacturer से दवा मंगानी है तो आपको ये चीजें करनी होंगी:
    1. XYZ के स्टॉकिस्ट का पता करके बात करनी होगी और अपनी requirements बतानी होंगी
    2. XYZ से कांटेक्ट करके अपना आर्डर प्लेस करना होगा और उसके बदले में पैसे जमा कराने होंगे
    3. XYZ माल स्टॉकिस्ट के पास भेजेगी
    4. आप स्टॉकिस्ट से माल collect करेंगे
    स्टॉकिस्ट को आपके माल पर VAT देना होगा इसलिए वो आपसे VAT + ये सुविधा देने के कुछ और पैसे चार्ज करेगा।
    मान लीजिये आपने XYZ से जो माल मंगाया वो 100 रुपये का था लेकिन उस पूरे माल की MRP add up की जाए तो वो थी 1000 रूपये तो आपको स्टॉकिस्ट को MRP का लगभग 10% देना होगा, यानि 100 रूपये।
    ऐसा इसलिए क्योंकि स्टॉकिस्ट को MRP का 5% सरकार को as Vat (tax) देना पड़ता है और वो कुछ अपना भी फायदा चाहता है इसलिए approximately आपको 10% देना पड़ता है।
    अगर आप 100 रूपये के माल की MRP 1000 रूपये होने से हैरान हो रहे हैं तो मत होइए क्योंकि दवा के व्यवसाय में मार्जिन बहुत अधिक होता है। For instance, Branded energy supplements की एक गोली 1 से 2 रूपये में बनती है और 9-10 रूपये की बिकती है।:)
    Step 5: अब इन दवाओं की मार्केटिंग शुरू करें
    दवा मिलने के बाद आपको मार्केटिंग का काम यानि डाक्टरों से मिलकर आपकी दवा लोगों को प्रिस्क्राइब करवाने का काम करना है। इसके लिए आपको कुछ marketing tools use करने होंगे-
    • अपनी दवाओं से सम्बन्धित एक फोल्डर तैयार कर लें
    • दवा के leaflets रख लें
    • फ्री सैम्पल्स रख लें
    • रिमाइंडर कार्ड रखे लें
    • etc
    रिमाइंडर कार्ड: इस कार्ड पर आपकी दवा मरीजों को लिखे जाने की रिक्वेस्ट लिखी होती है। इस कार्ड का प्रयोग ज़रूर करें, आप रोज-रोज डॉ. से नहीं मिल सकते लेकिन अगर आप ensure कर दें कि Doctor कि डेस्क पे ये कार्ड मौजूद रहे तो आपकी दवा के prescribe होने के chances बढ़ जाते हैं।

    इस बिजनेस से कितना कमाया जा सकता है?

    चूँकि ये कई बातों पर डिपेंड करता है इसलिए कोई स्पेसिफिक नंबर नहीं दिया जा सकता, लकिन मोटी-मोटा बात करें तो अगर आप manufacturer से 1 लाख का माल लेते हैं और वो पूरा का पूरा बिक जाता है तो आपकी कमाई 60-70 हज़ार की हो सकती है।
    कैसे ?
    मान लीजिये आपने कोई दवा मंगाई जो manufacture ने आपको दी @ per strip = Rs. 10
    उस स्ट्रिप पे जो MRP लिखी है वो है : Rs. 70
    Trade Rate = Rs. 56  ( ये अमूमन MRP से 20% कम होती है, इसी रेट पर आप दवा केमिस्ट को देते हैं)
    जिस Wholesaler के through आपने दवा मंगाई उसको देने होंगे = Rs. 7 ( 10% of MRP)
    Doctor पर खर्च करने होंगे* = Rs. 24.5 ( 35% of MRP)
    Other expense: Rs. 7 ( 10% of MRP)
    अब देखते हैं कि पैसा आया कहाँ से और गया कहाँ पे:
    पैसा आया: Rs. 56 जिस दाम पे हमने केमिस्ट को दवा दी
    पैसा गया: Manufacturer को 10 रु , होलेसलेर को 7 रु , डॉक्टर को 24.5 रूपये , बाकी खर्चे 7 रु ,यानि कुल गए (10+7+24.5+7=48.5)
    यानि PROFIT हुआ = 56-48.5= 7.5 रूपये का.
    It means आपने दवा का एक पत्ता लिया था 10 रु में और उस पर कमाया 7.5 रूपये।
    मतलब अगर आप 1 लाख का माल लेते हैंऔर उसे पूरा बेच लेते हैं तो उस पर आप  75 हजार रुपये कमा सकते हैं।
    Note: ये बस एक example है, इस generalize नहीं किया जा सकता। Reality में प्रॉफिट इससे कम भी हो सकता है और ज्यादा भी, ये depend करता है आप किस तरह की दवाएं बेच रहे हैं, किस volume में बेच रहे हैं और उसपर मार्जिन कितना है।

    Some other important points:

    • शुरू में बहुत बड़े डॉक्टरों के पीछे ना भागें, शहर से कुछ दूर पर स्थित छोटे डाक्टरों पर काम करें।
    • ये क्रेडिट का बिजनेस है, माल देते ही आपको पैसे नहीं मिलते। इसलिए लिखा-पढ़ी का काम एकदम पक्का रखें। किस डेट में किसे कितना माल दिया और कितने पैसे कलेक्ट हो चुके हैं इन सबका हिसाब सही से होना चाहिए।
    • सफलता पाने के लिए धैर्य रखें। जो डॉक्टर शुरू में आपको घंटों वेट कराता है वही बाद में लाखों का बिजनेस भी दे सकता है।
    • इस काम में interpersonal skills बहुत ज़रूरी हैं, इसलिए अगर आप इनमे lack करते हैं तो खुद को सुधारें। 
    • अपने stakeholders (डॉक्टर्स, केमिस्ट्स, इत्यादि) को अच्छी और timely सर्विस दें।
    • इस तरह से काम कर के होने वाली कमाई पर आपको बस इनकम टैक्स देना होगा, वहीं अगर आप कंपनी बना कर ये काम करते हैं तो कई तरह के और टैक्स देने होंगे और बहुत सारे records भी मेन्टेन करके रखने होंगे।
    उम्मीद है यहाँ दी गयी जानकारी आपके लिए useful होगी और Medicine Business start करने में सहायक होगी. धन्यवाद!
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